उदयपुर | पवन लोहार





पिछले 3 वर्षों में उदयपुर पदस्थापन एवं अन्य विवादों उलझे रहे बामणियां
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रकरण पर कार्मिक विभाग ने लिया एक्शन
अपने रसूख और अदालती आदेशों के माध्यम से उदयपुर सीएमएचओ की कुर्सी की लड़ाई में उलझे रहे डॉ शंकरलाल बामणिया को आखिरकार सरकार ने निलंबित कर दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अग्रेषित प्रकरण पर कार्मिक विभाग ने यह कार्रवाई की। बामणिया पर अपने कार्यकाल के दौरान कई गंभीर आरोप लगे थे।
सूत्रों के अनुसार डॉ. शंकरलाल बामनिया के विरुद्ध निजी अस्पतालों से चोंथ वसूली, अधीनस्थ कर्मचारी-अधिकारियों से दुर्व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना, महिला चिकित्सक का मानसिक शोषण, सरकारी मशीनरी का खुद के निजी स्वार्थ मे दुरुपयोग, टेंडर प्रक्रिया व विभिन्न खरीद फ़रोस्त मे वित्तीय गबन, सरकार पर राजनैतिक व चिकित्सकीय संघ का दबाव बना कर पदासीन रखने की अनुचित मंशा, पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार मे संलिप्त व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाना आदि आरोप थे। विगत 3 वर्षों मे विभाग की छवि कई बार धूमिल करने वाले इन प्रकरणों मे विभाग ने संज्ञान लेते हुए डॉ. शंकरलाल बामनिया के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए कार्मिक विभाग को प्रकरण अग्रेषित किया था। कार्मिक विभाग ने डॉ. शंकरलाल बामनिया को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। पूर्व में भी सरकार व विभाग ने डॉ. शंकरलाल बामनिया के विरुद्द कार्यवाही करते हुए उदयपुर सीएमएचओ पद से हटाया परंतु वे अपने उच्च संपर्कों के चलते एवं अदालती आदेशों के आधार पर पद पर बने। इससे विभाग की लगातार किरकिरी हो रही थी।